Saturday, August 28, 2010

बेटियां

बुलातें हैं बेटों को ,
                          आ जाती हैं बेटियां
पढ़ाते  हैं बेटों को ,
                           पढ़ जाती हैं बेटियां |
कल्पना चावला बन कर

                           अन्तरिक्ष में जाती हैं बेटियां ,
   देश का गौरव                  
                          बढाती हैं बेटियां |
असंभव को संभव  
                     करके दिखाती हैं बेटियां ,
एवरेस्ट की चोटी पर
                               चढ़ जाती हैं बेटियां |
कोई ऐसा काम नहीं ,
                              जो नहीं कर सकती हैं बेटियां ,
सीमा पर जाकर दुश्मन से,
                                         लड़ सकती है बेटियां |

Saturday, August 21, 2010



मानव अधिकार सुरक्षा संघ  का पौधारोपण अभियान



सफीदों, (हरियाणा) : सामाजिक संस्था मानव अधिकार सुरक्षा संघ (मास) द्वारा सफीदों की शिव गऊशाला में पौधारोपण अभियान की शुरूआत की गई। इस अभियान की शुरूआत संस्था के संस्थापक अध्यक्ष अकबर खान ने की। इस पौधारोपण के दौरान आंवला, जामुन, बकैन, बहेड़ा व नीम के सैकड़ों औष्धीय पौधे लगाए गए। संस्था के अध्यक्ष अकबर खान ने अपने संबोधन में कहा कि मानव का पेड़ों से अटूट संबंध है। पेड़ों के बिना जीवन की कल्पना व्यर्थ है। वृक्ष है तो हम हैं। पूरा विश्र्व ग्लोबल वार्मिंग व प्रदूष्ण की समस्या से जूझ रहा है। अधिक से अधिक पेड़ लगाकर ही हम समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। यदि पेड़ों की अंधाधुंध कटाई इसी तरह से होती रही तो आने वाली पीढ़ियों को इसके गंभीर दुष्परिणाम भुगतने होंगे। पेड़ों की कमी से वातावरण में आसीजन की कमी होती जा रही है। परिणामस्वरूप मनुष्य को सांस लेना भी दूभर हो गया है। पेड़पौधे ही जीवन का आधार हैं। उन्होंने कहा कि महज पौधा लगाने भर से ही हमारी जिमेदारी समाप्त नहीं हो जाती, बल्कि जिस तरह से हम अपने बच्चों को पालपोस कर बड़ा करते हैं, उसी तरह से हमें पौधों को भी अच्छी तरह से पालनापोसना होगा। पौधारोपण के लिए एक जनजागृति अभियान की आवश्यकता है। स्वच्छ वातावरण के लिए पेड़ पौधे लगाना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि हर व्यति को अपने जीवन में एक पौधा अवश्य लगाना चाहिए। इस मौके पर बोलते हुए पौधारोपण कार्यक्रम के परियोजना निदेशक विनोद वर्मा ने बताया कि संस्था ने व्यापक पौधारोपण अभियान चलाने का निर्णय लिया है। इस अभियान की कड़ी में क्षेत्र के शिक्षण संस्थानों व सार्वजनिक स्थानों पर जोरदार ढंग से पौधारोपण किया जाएगा। इस मौके पर गऊशाला के प्रधान शिव कुमार गोयल व संस्था के सहसचिव सुरेश कुमार ने भी अपने विचार रखे।

Thursday, August 19, 2010


मानव अधिकार सुरक्षा संघ (मास) ने मनाया पौधारोपण महोत्सव



सफीदों (हरियाणा) : पेड़ों की कमी के चलते स्थिति बेहद विस्फोटक हो चुकी है। हालात इस कदर बेकाबू हो चुके हैं हमें सांस लेना भी दूभर हो चुका है। यह बात तहसीलदार ज्ञानप्रकाश बिश्र्रोई ने रामपुरा गांव स्थित बी.एस. मैमोरियल स्कूल में सामाजिक संस्था मानव अधिकार सुरक्षा संघ (मास) द्वारा मनाए गए पौधारोपण महोत्सव में बोलते हुए कही। उन्होंने कहा कि पर्यावरण को लेकर केवल भारत ही नहीं बल्कि पूरा विश्र्व चिंतित है। पर्यावरण के प्रति लोगों को सचेत व जागरूक करने के लिए सरकारों की तरफ से बड़ेबड़े कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। उन कार्यक्रमों को सही रूप से अमलीजामा तभी पहनाया जा सकता है जब लोगों में पर्यावरण को बचाए रखने के प्रति दृढ़ इच्छाशक्ति पैदा होगी। लोगों के सहयोग के बिना इस कार्य को पूरा नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण के दूष्ति होने का मुख्य कारण पेड़ों की अंधाधुंध कटाई है। लोग अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए पेड़ों पर कुल्हाड़ा चला रहे हैं। मानव पेड़ों पर कुल्हाड़ा चलाने की बजाए खुद अपने पैरों पर कुल्हाड़ा चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि वृक्ष है तो हम हैं।वृक्षों के बिना मानव जीवन की कल्पना करना बेमानी है। यदि पेड़ों की अंधाधुंध कटाई इसी तरह से होती रही तो आने वाली पीढ़ियों को इसके गंभीर दुष्परिणाम भुगतने होंगे। पेड़ों की कमी से वातावरण में आसीजन की कमी होती जा रही है तथा दूष्ति गैसों की अधिकता होती जा रही है। जोकि मानव जीवन के लिए बेहद घातक बात है। उन्होंने जोर देकर कहा कि व्यक्ति अपने जीवन में एक पौधा अवश्य लगाए तथा उसका भरपूर पालनपोषण करें। इस मौके पर बोलते हुए संस्था के अध्यक्ष अकबर खान ने कहा कि हर व्यक्ति का परम कर्तव्य बनता है कि वह पर्यावरण शुद्धि के प्रति सचेत हो ताकि उनकों प्रकृति के भयकंर परिणामों को ना भुगतने पड़ें। उन्होंने बताया कि संस्था ने ख्भ् जुलाई से सफीदों उपमंडल में पौधारोपण कार्यक्रम शुरू किया था। इस दौरान संस्था ने लोगों के सहयोग से सार्वजनिक स्थानों व स्कूलों में पौधारोपण किया है। इस मौके पर स्कूल के चेयरमैन अरूण खर्ब, संस्था के परियोजना निदेशक विनोद वर्मा व सहसचिव सुरेश कुमार ने भी अपने विचार रखें।